24 घंटे, हजारों फीट की ऊंचाई और 48 लोग… मौत से जंग और जिंदगी की डोर का इंतजार, त्रिकुट रोपवे हादसे का ये मंजर कंपा डालेगा

देवघर: झारखंड के देवघर जिले में हुए रोपवे हादसे के बाद सेना ने मोर्चा संभाल लिया। करीब 48 लोग हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर रोपवे ट्रॉली में फंस गए। जाहिर है कि इनका रेस्क्यू आम तरीकों के बूते से बाहर की बात थी। ऐसे में सेना ही एकमात्र सहारा था। 24 घंटे से भी ज्यादा वक्त हो जाने के बाद न सिर्फ ट्रॉली में फंसे लोगों बल्कि उनके घरवालों की जान भी सांस भी अटकी पड़ी है। हालात की नजाकत को देखते हुए सोमवार को वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए पहुंचे। देवघर के उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री के मुताबिक ‘एनडीआरएफ की टीम भी रविवार रात से काम पर लगी हुई है और 11 लोगों को निकाला गया है। बचाव अभियान में स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं। घटना में 10 लोग जख्मी हुए हैं जिनमें से एक की देर रात मौत हो गई।’

जब मौत से हुआ सैलानियों का सामना
देवघर के त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे के बाद वहां फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए सोमवार की सुबह से सेना ने भी ऑपरेशन शुरू कर दिया। इसके लिए सेना के हेलीकॉप्टर को लगाया गया है। अभी 48 लोग अलग-अलग ट्रॉलियों में लगभग 2000 फीट की ऊंचाई पर फंसे हुए है। रविवार शाम हुए इस हादसे में एक महिला की मौत हो गयी, जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए है। रेस्क्यू में भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम जुटी हैं।

देवघर रोपवे हादसे में अबतक 18 लोगों को निकाला गया है। 12 ट्रॉलियां फंस गई थीं। हमें कल शाम 5 बजे इसकी सूचना मिली थी। इसके बाद आईटीबीपी, एयरफोर्स और सेना के साथ मिलकर हम इस ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।

-नरेंद्र सिंह बुंदेला, आईजी, एनडीआरएफ

Jharkhand News: देवघर में बड़ा हादसा, त्रिकुट पहाड़ से अचानक टूट कर गिरा रोप-वे का केबिन, बच्चा समेत 4 घायल
इंडियन एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों से रेस्क्यू
इंडियन एयर फोर्स हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू करने की कोशिश कर रही है, लेकिन तार की वजह से हेलीकॉप्टर को परेशानी हो रही हैं। हेलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे एयरफोर्स के जवान केविन तक पहुंचने की मशक्कत कर रहे हैं। इंडियन एयरफोर्स की टीम लगाकार बचाव कार्य में जुटी हैं। गहराई ज्यादा होने की वजह से एयरफोर्स के जवान को केबिन तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। वहीं तार की वजह से फिर से हेलीकॉप्टर को बैरंग लौटना पड़ रहा है। रेस्क्यू के लिए जवान अभी तक केबिन तक नहीं पहुंच पाये है, प्रयास जारी हैं। रोपवे हादसे में फंसे लोग रात भर ट्रॉली में बैठे रहे। एक-दूसरे से बात करके अपनी डर को खत्म किया। सुबह होते ही सेना ने रेस्क्यू शुरू किया।

‘वापस लौट रहे थे, तभी इधर-उधर हिली और फिर टूट कर गिर गई ट्रॉली’, देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर हादसे की कहानी पीड़ित की जुबानी

ऐसे हुआ हादसा
हादसा रविवार शाम करीब साढ़े चार बजे हुआ जिसमें 10 सैलानी गंभीर रूप से जख्मी हो गए और देर रात उनमें से एक की मौत हो गई। हादसे के कारण के बारे में पूछने पर डीसी ने कहा कि फिलहाल जिले का पूरा अमला फंसे हुए लोगों को निकालने में लगा हुआ है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद ही जांच की शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहली नजर में लगता है कि तकनीकी खामी की वजह से हादसा हुआ। डीसी के मुताबिक, रोपवे का संचालन एक निजी कंपनी कर रही है। इसे चला रहे परिचालक दुर्घटना के कुछ देर बाद ही इलाके से भाग गये। झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार, यह रोपवे बाबा बैद्यनाथ मंदिर से करीब 20 किलीमीटर दूर स्थित है और यह 766 मीटर लंबा है जबकि पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है।

देवघर : इस बार बदतमीज मंदिर प्रबंधक की हेकड़ी पड़ गई भारी, महिला MLA ने निकाली हवा, जानिए क्‍या हुआ

मृतक-घायलों के नाम जारी किए गए
इस हादसे की वजह से मरने वाली महिला की पहचान सुरा गांव निवासी 40 वर्षीय महिला सुमति देवी के रूप में हुई है। घायलों में असम के कोकराझार निवासी भूपेंद्र वर्मा व उसकी पत्नी दीपा वर्मा, जामताड़ा जिला के करमाटांड़ निवासी रूपा कुमारी, सोनी देवी, गिरिडीह के करमाटांड़ निवासी गोविंद भगत, बिहार के दरभंगा अंतर्गत लहरियासराय निवासी खुशबू रानी, सुधा रानी और एक बालक घायल हैं। घायलों में अज्ञात बालक के साथ एक महिला की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *