इस बात से यह संदेश गया कि आजम खान ने अखिलेश की बात को मानकर अपनी जिंदगी के साथ बड़ा रिस्क लिया और नतीजा यह हुआ कि उनकी जान पर बन आई। चाचा शिवपाल यादव के बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच अखिलेश के लिए यह एक नई सिरदर्द बन सकता है। आजम खान के खिलाफ जमीन पर कब्जे और आपराधिक गतिविधियों के 80 मामले दर्ज थे। आजम की पत्नी तजीन फातिमा राज्यसभा सांसद और पूर्व विधायक रह चुकी हैं। वहीं बेटे अब्दुल्लाह आजम खान स्वार सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं।
फसाहत अली शानू यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि हम किससे कहें, हमारी तो समाजवादी पार्टी भी नहीं है, जिसके लिए हमने अपना खून का एक-एक कतरा बहा दिया था। अखिलेश यादव जी हमारा सलूक आपके साथ ये था कि जब 1989 में अपने वाजिद साहब को कोई सीएम बनाने को तैयार नहीं था, तब आज़म खान ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव को मुख्यमंत्री बनाओ। हमारा कुसूर ये था कि आपके वालिद मुलायम सिंह को राफीकुक मुल्क का खिताब दिया था। कन्नौज में जब आप चुनाव लड़े तो आजम खान ने कहा था कि टीपू को सुल्तान बना दो और जनता ने आपको सुल्तान बना दिया।
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‘दरी भी अब्दुल बिछाएगा, वोट भी अब्दुल देगा और जेल भी अब्दुल जाएगा’
शानू ने कहा कि बीजेपी से हमारी क्या शिकायत? वो हमसे प्यार करते हैं, हम उनसे प्यार करते हैं। जैसा सलूक वो हमारे साथ करते हैं, वैसा सुलूक हम उनके साथ करते हैं। हमारी शिकायत समाजवादी पार्टी से है। हमारे कपड़ों से राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को बदबू आती है। हमारे स्टेजों पर हमारा नाम नहीं लेना चाहते हैं। सारा ठीकरा अब्दुल ने ले लिया है। दरी भी अब्दुल बिछाएगा, वोट भी अब्दुल देगा और जेल भी अब्दुल जाएगा। हमने आपको और आपके वालिद को मुख्यमंत्री बनाया। आप इतना बड़ा दिल नहीं कर सके कि आजम खान को नेता प्रतिपक्ष बना देते। हमारे वोटों से ही 111 सीटें आई हैं।
आजम खान 1980 से ही रामपुर से चुनाव जीतते आ रहे हैं। बीच में 1996 में ही एक बार उन्हें कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। समाजवादी पार्टी की तरफ से 2009 में उन्हें 6 साल के लिए निकाल दिया गया था। हालांकि एक साल बाद ही निलंबन रद्द कर उन्हें वापस ले लिया गया। इसी बीच संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी सपा के मुस्लिमों के हित में काम नहीं करने का आरोप लगा दिया है। ऐसे में आजम के नए राजनीतिक कदम को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं।