संभल के एएसपी ने कहा “सय्यद सालार मसूद ग़ाज़ी” जैसे सोमनाथ मंदिर के लुटेरे, आक्रांता और हत्यारे के नाम से नहीं होने दूंगा “नेज़ा” मेला!
वर्षों से संभल में सय्यद सालार मसूद ग़ाज़ी के नाम से “नेज़ा” मेला लगने की परंपरा को एक कुरीति बता कर एएसपी श्रीशचंद्र ने कहा किसी “लुटेरे” के नाम से नहीं लगने दूंगा नेज़ा मेला!
एएसपी श्रीशचंद्र ने मेला आयोजकों को देशद्रोही तक कहा! एएसपी ने कहा कि सोमनाथ मंदिर के लुटेरे, हत्यारे, आक्रांता की याद में जो नेज़ा मेला लगाएगा वह राष्ट्रद्रोही होगा!
संभल के एएसपी ने मेला आयोजकों को सख़्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि सोमनाथ मंदिर को लूटने वाले लुटेरे की याद नहीं मनाने दी जाएगी जो जबरन नेज़ा मेला लगाने का प्रयास करेगा कठोर कार्यवाही की जाएगी!
सय्यद सालार मसूद ग़ाज़ी की याद में हर वर्ष होली के बाद पड़ने वाले पहले मंगल को संभल कोतवाली के सामने ढाल गाड़े जाने की परंपरा चली आ रही है। ढाल गाड़ने के एक हफ़्ते के बाद नेज़ा मेले की शुरुआत होती थी जिसकी अनुमति पुलिस ने नहीं दी है!
सय्यद सालार मसूद ग़ाज़ी के विरुद्ध एएसपी संभल के आक्रामक रुख़ ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है जो आने वाले समय में राजनीतिक रूप से विवादित बयान बाज़ी में भी बदल सकती है!
दूसरी तरफ सय्यद सालार मसूद ग़ाज़ी से श्रद्धा रखने वाले श्रद्धालु बहराइच में स्थित “ग़ाज़ी” की मज़ार के अस्तित्व पर विवाद उत्पन्न होने की आशंका से चिंतित हैं!
“ग़ाज़ी” की मज़ार पर हज़ारों लाखों की संख्या में हिन्दू मुसलमान सभी धर्मों के लोग बहराइच पहुंच कर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।