https://youtu.be/PhgMlPGCX4U?si=YChrquHE5kNxlA8y
आप देख रहे हैं नई दिशा टेलीविजन, मक़सद बताना नहीं बचाना है,
आगरा से बड़ी ख़बर,
आगरा को दलितों की राजधानी कहा जाता है, और वहीं पर जाटव, चमार समाज के युवक की बारात नहीं चढने दी।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है, दलितों के साथ घटनाएं रोजाना बढ़ती जा रही हैं, अभी मथुरा का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था, की आगरा में विशाल जाटव की बारात, चढ़ाई के दौरान जातिवादी मानसिकता के लोगों ने, उनके साथ बदतमीजी की, हथियारों से दहशत फैलाई, और महापुरुषों की तस्वीरों को फाड़ कर फेंक दिया, की घटना दर्शाती है कि दलित समाज के, सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है, और जातिवादी मानसिकता के लोग यह सिद्ध करने में लगे हैं, कि वह तुम्हें घोड़ी पर चढ़ता हुआ, अच्छे कपड़े पहनते हुए, और अधिकारी बनते हुए, नहीं देख सकते, क्योंकि उनकी मानसिकता नीति पर आधारित है।
आगरा में विशाल जाटव की बारात पर, जातीय आतंकियों ने, जातिसूचक गालियां देते हुए, सुनियोजित हमला किया,। हथियार और लाठी-डंडे लेकर पहुंचे इन गुंडों ने, बारात को रोककर आतंक मचाया,। दूल्हे पर बंदूक तान दी गई, उसे बचाने आए पिता के सिर पर बंदूक की बट से हमला कर लहूलुहान कर दिया,। शादी में मौजूद महापुरुषों की तस्वीरों को तोड़कर, अपमानित किया गया,। महिलाओं और बच्चों को इस कदर डराया गया कि, शादी की रस्में तक पूरी नहीं हो सकीं।
हालत यह थी कि पुलिस की मौजूदगी में भी, दूल्हे को जबरन घोड़ी से उतारकर, पैदल ले जाया गया, बारात को बिना बैंड-बाजे के जबरन निकलवाया गया, – क्या यही लोकतंत्र है,? क्या यही उत्तर प्रदेश में कानून का राज है , बड़ा सवाल
नई दिशा टेलीविजन की रिपोर्ट https://youtu.be/PhgMlPGCX4U?si=YChrquHE5kNxlA8y